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Showing posts from August, 2025

रा. स्व. संघ शताब्दी वर्ष : पंच परिवर्तन

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  •  य ह संघ शताब्दी वर्ष है  संघ का 101 व वर्ष चालू हो गया  •  मन में प्रश्न आता है लोग पूछते हैं कैसे मनाएंगे ?शताब्दी वर्ष ? संघ में निर्णय हुआ है संघ शताब्दी वर्ष अच्छा है ।लेकिन समाधान लायक है क्या?  •  संघ निर्माता डॉक्टर हेडगेवार की इच्छा थी कि  संघ का कार्य शीघ्र पूरा हो। यांची देही यांची डोला (यानी कि हिंदू समाज का संगठन हो ,आम हिंदू अनुशासित हो ,अपनी कमियां दूर करें और अपने राष्ट्र को मजबूत बनाएं) •  इसके लिए स्वयं सोचे ।यह हमारी परंपरा है हम 1500 वर्ष से आक्रमण सहते आए ,हम काफी समय युद्ध में हारे ,पराधीन बने फिर भी आज ऐसे ही दुनिया के बचे हुए राष्ट्र में से सबसे सर्वश्रेष्ठ है ऐसा क्यों? •  हमारे ज्ञान परंपरा विश्व पर श्रेष्ठ है। हमारे यहां समाज अपने आप को ठीक करता था ।भारतीय समाज परंपरा यह कभी टूटी नहीं ।लेकिन फिर से ठीक कौन करें ?यह जब प्रश्न आता है .तो डॉक्टर हेडगेवार ने कहा हम करेंगे । •  संघ में जो है अपेक्षित है वह आम समाज में बने यही संघ की अपेक्षा है। संघ और समाज एक रूप हो ।संघ का समाज में विलीनीकरण हो जाए। यह जल्...

રા. સ્વં સંઘ : સંકલ્પ પત્ર: ABPS માર્ચ ૨૦૨૫

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  સંકલ્પ પત્ર: ABPS પ્રત્યેક સ્વયંસેવક સુધી પહોંચે શું શું છે? અહીં? 1. : ધ્યેય અને અનુભવ: લાંબી નજર ધ્યેય: વિશ્વ શાંતિ અને સમૃદ્ધિ, ઉદ્દેશ્ય: માનવ એકતા વિશ્વ કલ્યાણ          કેવીરીતે? સમરસ સંગઠિત હિન્દુ સમાજ નિર્માણ અને એની શક્તિ • ઉદાહરણ: હિન્દુ સમાજનું અનાદી કાળથી ચાલતી યાત્રા,           સાધના( યાત્રા કેવી! અવિસ્મરણીય, પ્રદિર્ઘ) • ભૂત કાળમાં કોને કર્યું? માતૃ શક્તિ, સંતો, ધર્માચાર્યો, મહાપુરુષો( આશીર્વાદ, કર્તૃત્વ) • અનુભવ: ચઢાવ, ઉતરાણ • પરિણામ: નિરંતર આગળ વધવું 2. કાર્ય આરંભ: સંઘ સ્થાપના: 1925, ડૉ હેડગેવાર, બીજા રોપણ, દૈનિક શાખા • કાર્ય સ્વરૂપ :સમાજના દોષો દૂર કરવા • પદ્ધતિ : ચારિત્રય સંપન્ન ,સામર્થ્ય શકી રાષ્ટ્ર નિર્માણ  દ્વારા • શાખા: સનાતન પરંપરા અનુરૂપ, મૂલ્ય સાથે, નિસ્વાર્થ તપ  • પરિણામ: રાષ્ટ્ર વ્યાપી પહોંચ્યા 3. પૂજનીય ગુરુજી સમય :  દૂરંદેશી નેતૃત્વ,  •  વિવિધ ક્ષેત્ર નિર્માણ : શાસ્વત ચિંતન આધારિત, કાળ સુસંગત રચના 4.  આજે સંઘ: સમાજનો અતૂટ વિશ્વાસ , સ્નેહ પ્રાપ્ત • સૌને સાથે લઈને ચાલવું, ...

स्व. हो.वे. शेषाद्रीजी ( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह और प्रचारक) कुछ संस्मरण

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  स्व. हो.वे. शेषाद्रीजी ( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरकार्यवाह और प्रचारक) कुछ संस्मरण          गुजरातमे कच्छ और आसपासके इलाकेमे 26 जनवरी 2001 को भूकंप आया था। उस समय हुइ आपतिके नुक़सानका अंदाज़ा लेना, काम कर रहे संघ कार्यकर्ताको प्रेरणा देना, हताहत हुए लोगो और उनके परिवारोको सांत्वना देनेके लिए माननीय शेषाद्रीजीका गुजरातमे प्रवास हुआ था।  इस प्रवासके  दौरान उनका मोरबीमे आना हुआ। यहां कई लोगों के घर गिर गए थे।कई लोगों की जान भी गईथी और कंइ लोग घायलभी हुए थे इस समय राहत कार्योंमे लगे कार्यकर्ताओं को मिलना हुआ।  यहाँ काममे लगे सब कार्यकर्ताका भोजन सब सामान्य पीड़ित लोगोके साथ था। मेरे अस्पताल के पास एक स्कूल के मैदान में सब लोगों की भोजन व्यवस्था थी।भूकंप पीड़ितों के लिए जो भोजन तैयार...